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राम नाम रस भीनी चदरिया झीनी रे झीनी भजन लिरिक्स (Chadariya jheenee re jheenee Lyrics) - by स्वर श्री तारासिंह डोडवे Kabir Bhajan - Bhaktilife24

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(राम नाम रस भीनी चदरिया झीनी रे झीनी भजन लिरिक्स )


कबीरा जब हम पैदा हुए

जग हँसेहम रोये 

ऐसी करनी कर चलो

हम हँसेजग रोये 


चदरिया झीनी रे झीनी

राम नाम रस भीनी

चदरिया झीनी रे झीनी..||


अष्ट-कमल का चरखा बनाया

पांच तत्व की पूनी 

नौ-दस मास बुनन को लागे

मूरख मैली किन्ही 

चदरिया झीनी रे झीनी..||


जब मोरी चादर बन घर आई

रंगरेज को दीन्हि 

ऐसा रंग रंगा रंगरे ने

के लालो लाल कर दीन्हि 

चदरिया झीनी रे झीनी..||


चादर ओढ़ शंका मत करियो

ये दो दिन तुमको दीन्हि 

मूरख लोग भेद नहीं जाने

दिन-दिन मैली कीन्हि 

चदरिया झीनी रे झीनी..||


ध्रुव-प्रह्लाद सुदामा ने ओढ़ी चदरिया

शुकदे में निर्मल कीन्हि 

दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी

ज्यूँ की त्यूं धर दीन्हि 

के राम नाम रस भीनी

चदरिया झीनी रे झीनी..||







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