( रामदूत भजन लिरिक्स )
माँ सीता:- कौन हो तुम?
जननी मैं रामदूत हनुमान
जननी मैं रामदूत हनुमान
चरण कमल में शत शत वंदन
करदो मां कल्याण
मिला है अवसर आज महान
जननी मैं रामदूत हनुमान
जननी मैं रामदूत हनुमान
माते आगे सर झुका रामदूत का
लंग सागर आया वायु का ये पुट हां
ऐसा दिन कोई गया नहीं माते
प्रभु राम का ह्रदय पता आपका ना पूछा
देखी उनकी पीडा मैंने देखा है एकाकीपन
गिरते उनके आंसू देखे जब भी करते आखिरी बैंड
होते पे वो हसी लेके पीड़ा को छुपाते
आंखें उनकी बोले माना वो तो करते बातें कम
विरह को बटाते वो न विरह को जातते
कर्ण चाहते काबू पर आंसू तो बे जाते
टूटे मेरे स्वामी माता सत्य बोलुं आपसे
विरह की वो पीडा को किसी को ना दिखाते
पीड़ा की गहनी माता कैसे मैं बटाऊं?
रोते दिल की ध्वनि को मैं कैसे हां सुनाउ?
जानकी के बिना प्रभु कैसे जी रहे
व्याथा उनकी माता बोलूं कैसे मैं दिखाऊं? (मेरी साइट)
प्रभु ने उठाया था वो धनुष पदा भारी
राम जी के घर पंहुची जनक की दुलारी
हुआ था आदेश जब वनो को हां जाने का
जानकी ने खींची साथ जाने की तैयारी
सोने का वो मृग और रावण का वो छल
पाया नहीं जानकी को रोये रघुवर
लेके आया प्रभु की निशानी मैं तो माते
दे दो मुझे शीश आगे झुक मेरा सर
चमके कोटि सूर्य सम रघुवर
शीत चंद्र सी वाणी मधुकर
करके रावण हरण तुम्हारा किया मृत्यु आहवान
जननी मैं रामदूत हनुमान
करके रावण हरण तुम्हारा
करके रावण हरण तुम्हारा
किया मृत्यु आहवान
जननी मैं रामदूत हनुमान
माँ सीता- मेरे स्वामी कुशल पूर्व है ना?
और भैया लक्ष्मण?
देता हूं भरोसा मैं स्वामी मेरे आएंगे
थोड़ी और देर वो ये आंसू भी मिताएंगे
वानरों की सेना नारे ज़ोर से लगेगी
लंका पे पताका हम विजय का लहरेंगे
इंतजार माता माना बड़ा है कठोर
वाटिका में गूंजता है रक्षासों का शोर
घोर माना घड़ी पर धर्म भी तो साथ है
टूट के भी लेंगे हम साहस को बटोर
धर्म को धर्म भला होगा कैसे दे देगा?
दानावों का दल माता क्या ही हम छेड़ेगा
राम की वो सेना भला क्या ही माटे रोकेंगे
सके ना उठा जोड़ी बाली के जो बेटे का
वीरों को गावा के रावण को ना चैन
मृत्यु का रास्ता ही देखे उसके नैन
मौके का इस्तेमाल करें पर माता ना वो ना माना
ज्यादा करे प्रभु भी ना पापोन को सेहन
बातें जाके प्रभु को है मैंने भी बतानी
खोई उनकी हंसी मुझे आज है लौतानी
मिला था मां जानकी से प्रभु को बताउंगा
हाथ राखो दास के हां कोई तो निशानी
बातें जाके प्रभु को है मैंने भी बतानी
राम याद जिह्वा है तो सिया उनकी वाणी
भूलेगी न राम और सिया को ये धारा
आने वाले युग भी ये सुनेंगे कहानी (मेरी साइट)
जननी मैं रामदूत हनुमान
जननी मैं रामदूत हनुमान
चरण कमल में शत शत वंदन
करदो मां कल्याण मिला है अवसर आज महान
जननी मैं रामदूत हनुमान
जननी मैं रामदूत हनुमान
[माँ सीता] - कौन हो तुम?
[हनुमान] - श्री राम का दूत हनुमान।