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नर शरीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से पाया है भजन लिरिक्स (Nar Shareer Anmol re Prani Lyrics) - Narayan Bhajan पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज - Bhaktilife24

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( नर शरीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से पाया है भजन लिरिक्स )


नर शरीर अनमोल रे

प्राणी प्रभु कृपा से पाया है

झूठे पर प्रपंच में पड़कर

क्यों क्यों प्रभु को बिसराया है

समय हाथ से निकल गया तो -2

सिर धुन धुन पछतायेगा

निर्मल मल मल के दर्पण में ॥


वह राम के दर्शन पायेगा

राम नाम के साबून से ही जो

मन का मैल छुड़ाएगा

निर्मल मल मल के वह राम

के दर्शन पायेगा

झूठ कपट निंदा को त्यागो

हर प्राणी से प्यार करो

घर पर आये अतिथि कोई तो ॥


यथाशक्ति सत्कार करो

झूठ कपट निंदा को त्यागो

हर प्राणी से प्यार करो

घर पर आये अतिथि कोई तो

यथाशक्ति सत्कार करो पता

नहीं किस रूप में आकर नारायण

मिल जायेगा निर्मल

मल मल के दर्पण में वह ॥


राम के दर्शन पायेगा

राम नाम के साबून से ही जो

मन का मैल छुड़ाएगा

निर्मल मल मल के वह राम

के दर्शन पायेगा साधन

तेरा कच्चा है जब तक प्रभु

पर विश्वास नहीं मंजिल

कर पाना है क्या जब

दीपक में प्रकाश नहीं

साधन तेरा कच्चा है जब तक प्रभु ॥


पर विश्वास नहीं मंजिल

कर पाना है क्या जब

दीपक में प्रकाश नहीं

निश्चय है तो भवसागर

से बेडा पार हो जायेगा

निर्मल मल मल के

वह राम के दर्शन पायेगा

राम नाम के साबून से ही

जो मन का मैल छुड़ाएगा ॥


निर्मल मल मल के

वह राम के दर्शन पायेगा

दौलत का अविमान है

झूठा यह तो आणि जानी है

राजा रंंक अनेक हुए

कितनो की सुनी कहानी है

दौलत का अविमान है

झूठा यह तो आणि जानी है ॥


राजा रंंक अनेक हुए

कितनो की सुनी कहानी है

राम नाम प्रिय महामंत्र

ही साथ तुम्हारे जाएगा

निर्मल मल मल के

वह राम के दर्शन पायेगा

राम नाम के साबून से ही जो

मन का मैल छुड़ाएगा ॥


निर्मल मल मल के वह राम

के दर्शन पायेगा निर्मल मल

मल के वह राम के दर्शन पायेगा

राम नाम के साबून से ही जो

मन का मैल छुड़ाएगा

निर्मल मल मल के वह राम

के दर्शन पायेगा निर्मल मल

मल के वह राम के दर्शन पायेगा ॥





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